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अपनी बौद्धिक प्रतिभा के लिए जाने जाने वाले न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस अपने पांच वर्ष के कार्यकाल के बाद सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हो गए।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और अन्य कानूनी दिग्गजों द्वारा उनकी न्याय भावना, करुणा और सज्जनतापूर्ण व्यवहार के लिए प्रशंसा प्राप्त करने वाले न्यायमूर्ति बोस को भोपाल में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी का प्रमुख नियुक्त किया गया है।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस के बारे में :-
- जनवरी 2004 में उन्हें कलकत्ता उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
- 11 अगस्त, 2018 को उन्हें झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।
- न्यायमूर्ति बोस को 24 मई, 2019 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।
- न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस 10 अप्रैल 2024 को उच्चतम न्यायालय से सेवा निवृत हो गए हैं।
- जस्टिस बोस को विदाई देते हुए चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने उन्हें न्यायिक अकादमी के निदेशक के पद के लिए बिल्कुल उपयुक्त कहा।
- जस्टिस अनिरुद्ध बोस एक शास्त्रीय बंगाली परिवार से आते हैं। वे साहित्य, इतिहास, राजनीति, भाषा विज्ञान में गहरी रुचि के साथ एक उत्साही पाठक हैं। साथ ही वे एक शानदार न्यायाधीश रहे हैं, बल्कि 2004 में कलकत्ता हाईकोर्ट में पदोन्नत होने से पहले, वह एक पेशेवर वकील भी थे। उनके पास पदोन्नति से पहले एक बौद्धिक संपदा कानून फर्म में काम करने का भी अनुभव प्राप्त है।
- न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 11 नवंबर को 51 वें सीजेआई बनने वाले हैं।
- न्यायमूर्ति बोस की सेवानिवृत्ति इस साल सुप्रीम कोर्ट में चार में से एक है, जिसमें न्यायमूर्ति अज्जिकुट्टीरा सोमैया बोपन्ना, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और सी जे आई चंद्रचूड़ भी सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के विषय में :-
- राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी (NJA) भोपाल में स्थित एक संस्थान है, जिसकी स्थापना 1993 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के तत्वावधान में की गई थी।
- NJA का प्राथमिक उद्देश्य देश भर में ट्रायल कोर्ट और संवैधानिक न्यायालयों के न्यायाधीशों को प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करना है। अकादमी का उद्देश्य न्याय के प्रभावी प्रशासन को सुनिश्चित करने के लिए न्यायपालिका के कौशल, ज्ञान और क्षमता को बढ़ाना है।
- एनजेए संवैधानिक कानून, आपराधिक कानून, नागरिक कानून और न्यायिक नैतिकता सहित कानूनी विषयों पर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित करता है। संस्थान कानून और न्याय के क्षेत्र में अनुसंधान और प्रकाशन की सुविधा भी प्रदान करता है।