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15 Time Management tips in Hindi (ऐसे करें अपने समय का सही उपयोग)

समय प्रबंधन युक्तियाँ

क्या आपने कभी सोचा है कि आजकल हमें समय की इतनी कमी क्यों महसूस होती है। समय पर काम न होने पर हम टेंशन में क्यों आ जाते है अगर नहीं तो इस आर्टिकल को अंत तक पढ़िए। इस आर्टिकल में आपको सुधीर दीक्षित की बुक टाइम मैनेजमेंट से 15 टिप्स आपसे शेयर करूँगा जिससे आप आपने बेस्ट वर्जन को अचीव कर सकते है


जिस तरह आप पैसे का बजट बनाते है, उसी तरह समय का भी बजट बनाइये। बजट बनाने के लिए आपको यह हिसाब लगाना होता है कि आपका पैसा कहा खर्च हो रहा है। समय के मामले में भी यही निति अपनाये। एक डायरी लीजिये और एक वीक तक यह रिकॉर्ड रखिये की आप किस काम में कितना समय खर्च करते है। याद रखिये सिर्फ़ एक वीक है ये करना है आपको। लाँग बुक में आप जितना बारीक़ हिसाब रखेंगे, आपको उतना ही ज़्यादा फायदा होगा। एक वीक बाद संडे को बैठकर इस पूरे रिकॉर्ड का अच्छी तरह एनालिसिस कीजिये। इस एनालिसिस से आपको ये पता लग जायेगा कि कौन-सा वर्क मीनिंगलेस है या किस एक्टिविटी में आप ज़रूरत से ज़्यादा समय दे रहे है। आपको एक्स्ट्रा टाइम तभी मिल सकता है जब आप कुछ पुरानी एक्टिविटी को छोड़ेंगे।


फाइनेंसियल लक्ष्य बनाइए

अगर आप ये नहीं जानते की आप कहाँ पहुँचना चाहते है तो आप कही नहीं पहुँच सकते। अगर आपकी कोई मंज़िल ही नहीं है, तो आप वह तक पहुँचने की योजना कैसे बनाएंगे, इसलिए अगर आप लाइफ में कुछ करना चाहते है, तो लक्ष्य बनाना आपके लिए ज़रूरी है और इसके बिना काम नहीं चलेगा।

आपका लक्ष्य जितना क्लियर होगा आपके सफल होने की चान्सेस उतनी है ज़्यादा होगी। आईये इसे एक एक्साम्पल से समझते है। एक सेल्समैन की वाइफ हॉस्पिटल में काफी टाइम से एडमिट थी। हैरानी की बात ये थी की उस ईयर सेल्समेन ने एवरेज सेल्स से दोगुना ज़्यादा सामान बेचा था। जब उस सेल्समैन से उसकी सफलता का राज पूछा गया तो उसने कहा कि हॉस्पिटल का बिल उसके सामने रखा था और वह सटीकता से जनता था कि बिल चुकाने के लिए उसे कितना सामान बेचना होगा।

इस एक्साम्पल से यह क्लियर हो जाता है कि अगर कोई इंसान ठान ले, तो वह अपने फाइनेंसियल गोल अचीव कर सकता है बशर्ते उसके सामने क्लियर गोल हो।


सबसे महत्वपूर्ण काम पहले करें

हमारी डेली रूटीन इस तरह की होती है कि हमारे सामने जो काम आता है, हम उसे करने लग जाते है और इस वजह से हमारा सारा टाइम छोटे-छोटे वर्क को करने में चला जाता है। पर महत्त्वाकांक्षी आदमी इस बारें में सतर्क रहता है क्योकि उन्हें पता होता है कि सफलता पाने के लिए यह आवश्यक है कि इम्पोर्टेन्ट वर्क पहले किया जाये। और इसके लिए उनके पास एक डायरी होती है जिसमे उनके वर्क लिस्ट प्रोरिटी के हिसाब से होता है। ऐसा आप भी कर सकते है। आप एक डायरी लीजिये उस डायरी में A, B और C नाम से तीन कॉलम बना लीजिये। A कॉलम में अपने सबसे इम्पोर्टेन्ट वर्क रखे जिसे आप अनिवार्य मानते है। B कॉलम में ऐसे वर्क रखे जो अनिवार्य तो नहीं है पर इम्पोर्टेन्ट नहीं है। C कॉलम में ऐसे सामान्य वर्क रखे, जो न तो इम्पोर्टेन्ट है और ना ही मेंडेटरी।

दिन में सबसे पहले A कॉलम के पहले वर्क को कम्पलीट करे उसके बाद B कॉलम का काम शुरू करें और इसके बाद समय बचने पर ही C कॉलम के वर्क को करें

यात्रा के समय का इस्तेमाल करें

आम लोग ट्रेवल के टाइम में हाथ पर हाथ रखकर बैट जाते है वही सक्सेसफुल लोग अपने Valuable (बहुमूल्य) टाइम का अधिकतम उपयोग करते है।

महात्मा गांधी ट्रेवल करते समय नींद लेते थे ताकि वे रिफ्रेश रह सकें। नेपोलियन जब सेना के साथ वॉर करने जाते थे तो रस्ते में पात्र लिखकर अपने समय का सदुपयोग करते थे। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल ग्रेट्स ट्रेवल के दौरान मोबाइल पर ज़रूरी बाते करके इस सिद्धांत पर अमल करते है।

टाइम को ले कर सभी सक्सेसफुल लोग सतर्क रहे है क्योकि वे जानते है कि समय बड़ा बलवान होता है और इसके सदुपयोग से ही सफलता संभव है।

आप और हम भी अपनी ट्रेवल के टाइम का लाभ उठा सकते है। नौकरीपेशा लोगों को घर से ऑफिस तक की ट्रेवल में काफी टाइम लग जाता है। इस समय में कोई Important work करके आप इसका सार्थक उपयोग कर सकते हैं


अपने प्राइम टाइम में काम करें

दिन के किसी खास समय आपकी एनर्जी और कार्य क्षमता बांकी समय की तुलना में अधिक होती है। यही आपका प्राइम टाइम है। अपने सबसे इम्पोर्टेन्ट या क्रिएटिव टास्क इसी दौरान करें, ताकि वे अच्छी तरह से और जल्दी हो सके। कई बार एक घंटे में ही इतना कुछ हो जाता है जो आम तौर पर एक दिन में नहीं हो पता। याद रखें समय की quantity के बजाय समय की quality ज़्यादा महत्त्वपूर्ण हैं। इसी को अंगरेजी में क्वालिटी टाइम कहा जाता है।

वह व्यक्ति ज़्यादा सफल नहीं होता, जो दिन में 8 घंटे काम करने का लक्ष्य बनता है; ज़्यादा सफल तो वह व्यक्ति होता है, जो दिन में 8 या 9 काम करने का लक्ष्य बनता है, दोनों में फर्क सिर्फ़ इतना है कि पहला व्यक्ति समय की quantity को इम्पोर्टेंस देता हैं और दुसरा समय की क्वालिटी को और इसी से उनकी सफलता में जबरदस्त फर्क पढता हैं।


अपने आप को व्यवस्थित करें

अनऑर्गनिज़ेड लाइफ हमारे सामने कई मुश्किलें खड़ी कर देता हैं। इनमे से एक मुश्किल यह है कि हमारा समय न चाहते हुसे भी अनावश्यक रूप से बर्बाद होता है और दुखद बात यह है कि हम खुद ही इसके लिए दोषी होते है।

ऑर्गनाइज work का सबसे आम एक्साम्पल है किसी कागज या फाइल का न मिलना। अनुमान है कि ऑफिस में काम करने वाले लोग किसी कागज या फाइल को खोजने में हर दिन लगभग 30 मिनट बर्बाद करते है। आलस या जल्दबाजी के कारण हम किसी चीज को सही जगह पर नहीं रखते और फिर उसे खोजने में ऑफिस या घर को अस्त-व्यस्त कर देते है। अंत में हमें वह चीज किसी ऐसी जगह पर मिलती है, जहा उसे रखा ही नहीं जाना चाहिए था।

टाइम का बेस्ट यूज करने के लिए हमें आर्गनाइज्ड लाइफ जीना चाहिए। ध्यान रखे की अगर आपकी दिनचर्या आर्गनाइज्ड है तो आपका लाइफ भी आर्गनाइज्ड होगा और जब आपका लाइफ आर्गनाइज्ड होगा तो आप सहजता से टाइम का बेस्ट यूज कर पाएंगे।


काम में जुट जाओ

म सब जानते हैं कि बिना मेहनत किये हम सफल नहीं हो सकते, परन्तु आश्यर्चजनक बात यह है कि इसके बाबजूद हम मेहनत से जी चुराते है, काम को टालते रहते है, मूड न होने का बहाना बनाते हैं समय या संसाधन की कमी का तर्क देते हैं यानी काम करने के अलावा सब कुछ करते हैं।

अगर आप भविष्य में सफलता कि फसल काटना चाहते है, तो आपको उसके लिए बीज आज बोने होंगे। अगर आप बीज नहीं बोएंगे, तो भविष्य में फसल काटने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। पूरी सृष्टि कर्म और फल के सिद्धांत पर चलती है, इसलिए आपको अपने कर्म के अनुपात में ही फल मिलेंगे।

यदि आप सफलता चाहते है, तो कर्म में जुट जाये और तब तक जुटे रहे, जब तक की आप सफल न हो जाये। यदि आप समय का सर्वश्रेठ उपयोग करना सिख लेते हैं, तो आगे चलकर समय आपको पुरस्कार में वह बस्तु दे देगा, जिसे आप प्रबलता से चाहते हैं



अपनी कार्यक्षमता बढ़ाये

यदि आपको टाइपिंग आती है, तो एक काम करें। उस वक़्त को याद करें, जब आपने पहली बार टाइपिंग शुरू की थी। तब आप कितनी तेजी से टाइप कर सकते थे? शायद पांच शब्द प्रति मिनट और अब क्या स्थिति है? शायद तिस शब्द प्रति मिनट। ऐसा क्यों? क्योकि आपने टाइपिंग सीखी, आपने निरंतर अभयास किया, जिसका नतीजा यह हुआ की आपकी टाइपिंग की गति बढ़ गई। समय के क्षेत्र में भी आपको यही करना है।

कार्यक्षमता बढ़ाने की पहली शर्त है इच्छा। आपके भीतर इसकी इच्छा होनी चाहिए। कार्क्षमता बढ़ाने की दुसरी शर्त हैं ज्ञान. आपको यह ज्ञान. होना चाहिए की क्षमता कैसे बढ़ाई जा सकती हैं। इसके लिए पुस्तक पढ़े, सेमिनार में जाये।

तीसरी शर्त है आप अपने पिछले प्रदर्शन से तुलना करे। यह सोचे की अगर कल आपने कोई काम डेढ़ घंटे में किया था, तो आज उसे सवा घंटे में कैसे किया जा सकता है? बस इतना ध्यान रखे की काम की गुणवत्ता में कमी नहीं आनी चाहिए। ऐसा न हो समय बचाने की हड़बड़ी में काम बिगड़ जाये।


डेडलाइन तय करें

आखिर डेडलाइन में ऐसा क्या होता है, जिससे आपकी क्षमता बढ़ जाती है और आप ज़्यादा तेजी से काम पूरा लेते है? पहली बात यह है कि इससे आपको एक स्पष्ट लक्ष्य मिलता है दूसरे, इससे आप एक योजना बनाते है और उस पर चलने के लिए खुद को अनुशासित करते हैं। तीसरे, डेडलाइन उस काम पर आपके दिमाग को केंद्रित रखती है, जिससे आप उसे समसीमा में पूरा करने के नए-नए तरीके सोच सकते हैं।

जब आपको डेडलाइन दे दी जाती हैं तो आपके भीतर एड्रीनलीन का स्त्राव हो जाता है और आप सक्रिय हो जाते और पूरा ध्यान केंद्रित करके काम में जुट जाते हैं। आप जानते है काम समय पर नहीं निबटा, तो आफत हो जाएगी, इसलिए आप सुभह थोड़ा जल्दी उठते है, देर रात तक काम करते हैं।

आइये इसे एक्साम्पल समझते है मान ले नार्मल कंडीशन में आप छह मिनट में एक किलोमीटर दौड़ते हैं। लेकिंग अगर कोई खुंखार कुत्ता आपका पीछा कर रहा हो, तो आप कितनी तेजी से भागेंगे? जाहिर है, आप छह मिनट से बहुत कम समय में एक किलोमीटर की दूरी पुरी कर लेंगे क्योकि आपके पीछे खूंखार कुत्ता जो है। डेडलाइन भी खूंखार कुत्ता जैसा ही होता है।


निश्चित समय पर काम करें

हमारे शरीर में एक घड़ी होती है, जिसे बायोलॉजिकल क्लॉक कहा जाता हैं, जब आप निश्चित समय पर काम करने की आदत डाल लेते हैं, तो आपका शरीर उसी अनुसार ढल जाता है। इसलिए दोस्तों आप हमेशा कोशिस करें की हर काम एक निश्चित समय पर किया जाये जिससे की आप अपने शरीर का बायोलॉजिकल क्लॉक का इस्तेमाल अपने समय को बचाने में कर सकें।


सुबह जल्दी उठें

लोग यह तर्क दे सकते हैं कि सुबह उठना उनके बूते की बात नहीं है, रात की शांति में काम ज्यादाच्छी तरह होता है और रात को व चाहे जितनी दैर तक काम कर सकते है लेकिन ये तर्क बेकार हैं। 4 बजे उठने पर भी शांति ही रहती है और उसमे काम अपेक्षाकृत ज़्यादा अच्छी तरह होता है। मुख्य बात यह है कि उस समय काम की गति भी तेज होती है, क्योकि शरीर और दिमाग दोनों ही तरोताजा होते हैं। रात को वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, इसलिए आपका दिमाग कम चल पता है और दिमागी काम के लिए रात का समय आदर्श नहीं होता है।


एक घंटा एक्सरसाइज करें

इंसान सोचता तो यह है कि वह अपने लिए जी रहा है लेकिन वह जिस तरह समय खर्च करता है, उससे यह लगता ही नहीं की वह अपने लिए जी रहा है। अक्सर वह ऐसा खाना खता है जो उसकी पत्नी या बच्चे की होती है। जब वह थका मंदा घर लौटता है तो उसे t.v भी दूसरों की पसंद के कायर्क्रम देखने पढ़ते हैं। यानी वह अपने लिए तो समय निकल ही नहीं पता।

एक घंटा आपको आपने लिए निकलना है और इस एक घंटे में आपको अपने शरीर के देखभाल करनी है। टहलना है, एक्सरसाइज करना है, योगा या जिम जाना है अपने शरीर की मालिश करनी है, यानी कुल मिलकर शरीर के स्वस्थ्य पर ध्यान देना है।


आलस से बचें

समय बचाने के लिए आपको आलस से बचना चाहिए। जब भी सामने कोई मुश्किल काम आता है, तो हम आलस करने लगते है और उसे टाल देते है। लेकिन टालमटोल करने के अलावा भी आलस के कई कारन होते है। आलस का एक अहम् कारन ज़रूरत से ज़्यादा भोजन करना भी है।

क्या आपने कभी सोचा कि हम सुभह सबसे अच्छी तरह काम क्यों कर सकते है? एक कारन तो यह है कि उस समय आराम कर लेने के बाद शरीर थका हुआ नहीं रहता है। दुषरे कारन यह है कि सुभह ऑक्सीजन ज़्यादा रहती है और तीसरा कारन यह की उस वक़्त हमारा पेट खाली होता है। पेट खाली रहने से दिमाग ज़्यादा तेजी से चलता है, इसलिए हमें एक ही बार में ज़्यादा भोजन करने के बचना चाहिए। जब आप कम खाते है, तो आपको आलस नहीं आता और आपकी ऊर्जा व एकाग्रता का स्तर बना रहता है।


टालमटोल न करे

लोग टालमटोल क्यों करते हैं। इसके कई कारन होते हैं: या तो काम बोरिंग या मुश्किल होता है या उसके कोई समयसीमा नहीं होती। टालमटोल की कारन चाहे जो भी हो, उसे दूर करें और आज के काम को आज ही पूरा करने की आदत डाले। यदि आप कल पर टालते है तो इसका नुकसान ये होगा कि आप कल के समय को गिरवी रख देते है। जिस काम को आप आज ही कर सकते है, उसे कल पर टाल देने से आप कल के बोझ को और ज़्यादा बढ़ा देते हैं। आज का काम आज ही करले ताकि आने वाले कल पर बोझ न पढ़े। संभव हो, तो आने वाले कल के कुछ काम भी आज ही कर ले, ताकि कल के दिन आप पर दबाब कम हो जाये और आप उसमे नए काम कर ले।

मन मेहनत से घबराता है, इसलिए अगर आप जीवन में कुछ करना चाहते है तो मन या मूड के गुलाम न रहे। मन को अनुशासित करे और मूड हो या न हो, काम शुरू कर दे।


बुरी लतों से बचें

शराब और सिगरेट आपके शरीर के लिए घातक है ही, आपके समय के लिए भी कम घातक नहीं हैं। अनुमान है कि युवा सिगरेट पिने में लगभग आधा घंटे समय बर्बाद करता है। सिगरेट पिने में तो केवल पांच मिनट लगते है, लेकिन इसकी जुगाड़ करने और इसका माहौल बनाने में समय लग जाता है।

शराब तो समय को और भी ज़्यादा बर्बाद करती है। एक तो शराब पिने में बहुत समय लगता है। दुसरे पिने के बाद आदमी किसी काम का नहीं रहता। यही नहीं, शराब पिने से अगला दिन भी ख़राब होता है, क्योकि इसकी वजह से अगली सुभह सिरदर्द या हैं हैंग ओवर हो जाता है।

सिगरेट और शराब के अलावा भी कई बुरी लतें होती है, जो आपका बहुत-सा समय बर्बाद करती है। दूसरें की बुराई करने या इधर की बात उधर करने की आदत। बहस या लड़ाई करने के आदात।

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